Thursday, January 10, 2013

UTET : टीईटी-एक और दो के लिए अब एक शुल्क


UTET : टीईटी-एक और दो के लिए अब एक शुल्क

देहरादून

टीईटी-एक और टीईटी-दो के लिए अलग-अलग शुल्क की वसूली अब नहीं होगी। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने टीईटी आवेदकों की मांग के मद्देनजर यह निर्देश दिए हैं। निर्देशों के मद्देनजर महकमे ने इस संबंध में पत्रावली तैयार कर मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी है।

कक्षा एक से पांचवीं और छठवीं से आठवीं के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अब क्रमश: टीईटी-एक और टीईटी-दो पास करना अनिवार्य है। एनसीटीई की इस व्यवस्था को प्रदेश में लागू किया गया है। लंबे अरसे से हीलाहवाली के बाद शिक्षा महकमे ने बीती 27 दिसंबर से टीईटी-एक और टीईटी-दो के परीक्षा फार्मो की बिक्री शुरू कर दी। प्रदेश के तकरीबन 40 प्रमुख डाकघरों के माध्यम से फार्म बेचे जा रहे हैं। दोनों परीक्षाओं के लिए अलग-अलग शुल्क लिया जा रहा है। अलग-अलग शुल्क लेने का बेरोजगार युवा विरोध कर रहे हैं। विरोध के चलते मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने दोनों परीक्षाओं में बैठने के इच्छुक अभ्यर्थियों से एक ही परीक्षा शुल्क लेने के निर्देश दिए हैं। विधायक सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश जारी करने की जानकारी दी गई।

मुख्यमंत्री के निर्देशों को देखते हुए महकमे की ओर से भी उक्त संबंध में पत्रावली उनके अनुमोदन के लिए भेजी गई है। अपर सचिव पीएस जंगपांगी ने पत्रावली भेजने की पुष्टि की। इसमें दोनों परीक्षाओं के लिए अलग-अलग शुल्क तय करने की मौजूदा व्यवस्था का ब्योरा भी दिया गया है एक फार्म का शुल्क 640 रुपये है। उधर, परीक्षा फार्म नौ दिन से बंटने रहे हैं, जबकि फार्म जमा करने की अंतिम तारीख में महज नौ दिन शेष हैं। बीच में की जाने वाली इस व्यवस्था से गफलत उत्पन्न हो गई है। मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक अलग-अलग शुल्क देकर परीक्षा फार्म जमा करा चुके अभ्यर्थियों की संख्या काफी बताई जा रही है। नई परिस्थिति में महकमे के समक्ष पहले आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों का शुल्क लौटाने की चुनौती होगी। बीच में की जाने वाली इस व्यवस्था का असर परीक्षा पर भी पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा है।

उधर, टीईटी की व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद में जुटे शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी मुख्यमंत्री के स्तर पर की जा रही पहल से अनजान हैं। टिहरी जिले के दौरे पर शिक्षा मंत्री से जब दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने एक ही परीक्षा शुल्क लेने के मुख्यमंत्री के निर्देश की जानकारी से इंकार किया। उन्होंने कहा कि इस बाबत मुख्यमंत्री से वार्ता की जाएगी। दो परीक्षा का शुल्क दे चुके अभ्यर्थियों के बारे में भी फैसले में दिक्कतें आएंगी।


News Source : Jagran (10.1.13)

Tuesday, January 8, 2013

UTET : बीटीसी धारकों को छूट नहीं


UTET : बीटीसी धारकों को छूट नहीं

नैनीताल : हाई कोर्ट ने शिक्षा मित्रों की याचिका पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए बीटीसी धारक शिक्षकों को सहायक अध्यापक भर्ती में शिक्षक पात्रता परीक्षा से छूट देने संबंधी शासनादेश को संविधान के खिलाफ करार दिया है। कोर्ट के आदेश के बाद सहायक अध्यापक भर्ती में सभी अभ्यर्थियों को टीईटी पास करना जरूरी हो गया है। यदि बीटीसी धारक टीईटी में पास नहीं हुए तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।  सरकार ने पिछले साल 14 जून और इस साल 29 अगस्त को अलग-अलग शासनादेश जारी कर बीटीसी धारक अभ्यर्थियों को टीईटी परीक्षा में शिथिलता प्रदान की थी। बीटीसी धारक शिक्षा मित्र भुवन जोशी व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि वह बीटीसी धारक शिक्षा मित्र के पद पर कार्यरत हैं। इसलिए उन्हें भी नियमित बीटीसी धारकों की तर्ज पर शिक्षक पात्रता परीक्षा से छूट प्रदान की जाए। याचिकाओं में यह भी कहा गया था कि उन्हें पढ़ाने का विशेष अनुभव हासिल है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि केंद्र सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत उत्कृष्ट शिक्षक तैयार करने के लिए टीईटी परीक्षा अनिवार्य की है। केंद्र की संस्था एनसीटीई ने अधिसूचना जारी कर स्पष्ट कर दिया था कि राज्य सरकारें बिना संस्था की अनुमति के इस मामले में कोई शासनादेश जारी नहीं कर सकती हैं। कोर्ट ने शिक्षा मित्रों को टीईटी में छूट प्रदान करने से इन्कार करते हुए बीटीसी धारकों के लिए भी टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया।  कोर्ट ने सरकार से तीन माह के भीतर बगैर टीईटी पास नियुक्त बीटीसी धारकों के लिए टीईटी परीक्षा की आयोजित करने के आदेश पारित किए। यदि वह सफल हुए तो नियुक्ति दी जाएगी, अन्यथा उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। मामले की सुनवाई न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धुलिया की एकल पीठ में हुई।