Thursday, September 12, 2013

Uttrakhand TET Exam which is going to held on 8th Sept 2013 is cancelled


Uttrakhand TET Exam : गुजरात, मध्यप्रदेश और यूपी से आए टीईटी देने

Uttrakhand TET Exam which is going to held on 8th Sept 2013 is cancelled





उत्तराखंड में आठ सितंबर को होने वाली टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। हाईकोर्ट में शिक्षा विभाग की विशेष याचिका के खारिज होने के बाद विभाग ने यह निर्णय लिया है।

परीक्षा के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थी। इसमें विभिन्न 24 शहरों के 344 परीक्षा केंद्रों में एक लाख 36 हजार 952 परीक्षार्थियों को शामिल होना था।


शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ कोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की थी। जिसमें कहा गया था कि ग्रेजुएशन में टीईटी में 45 फीसदी से कम अंक वाला अभ्यर्थी भी शामिल हो सकता है, लेकिन शिक्षा विभाग की इस विशेष याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। जिसके चलते परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है।

हजारों अभ्यर्थियों के लिए राहत
परीक्षा में अब स्नातक अभ्यर्थी चाहे जिस श्रेणी में पास हुए हों, परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। याचिका खारिज होने से उनका मास्साब बनने का रास्ता खुल गया है।

आठ सितंबर को होने वाली टीईटी की परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। कोर्ट में विभाग की विशेष याचिका के खारिज होने के बाद यह निर्णय लिया गया है। परीक्षा कब होगी इसके लिए दुबारा से आदेश जारी किए जाएंगे।
- राधिका झा, शिक्षा महानिदेशक

प्रदेश में बनाए गए थे इतने केंद्र
टीईटी प्रथम पेपर में 169 केंद्रों पर 75957 अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होना था। जबकि दूसरे पेपर में 175 केंद्रों पर 60995 अभ्यर्थी।



अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) देने रविवार को कई आवेदक एमबीपीजी कालेज पहुंचे, जबकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद करीब 5 दिन पहले ही परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। परीक्षा देने आए अधिकांश आवेदक हल्द्वानी से बाहर के थे। स्थानीय अखबार न पढ़ने के कारण इन्हें परीक्षा स्थगित होने की सूचना नहीं मिली और अन्य स्रोतों से आवेदकों को शिक्षा विभाग सूचना नहीं भेज पाया था। एक दंपति गुजरात से और एक महिला मध्यप्रदेश से परीक्षा देने पहुंची थीं। इसके अलावा यूपी के कई शहरों से आई महिलाएं भी थीं।गुजरात में नौकरी करने वाले सुरेश महर मूलरूप से पिथौरागढ़ के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी की रविवार को टीईटी थी। इसका प्रवेशपत्र भी उनके पास गुजरात पहुंच गया था। श्री महर ने बताया कि प्रवेशपत्र मिलने के बाद उन्होंने अपना और पत्नी का रिजर्वेशन करा लिया था। डेढ़ साल के बेटे को लेकर दोनों शनिवार शाम यहां पहुंचे और सिडकुल में नौकरी करने वाले अपने दोस्त रोहित के यहां रुके। रविवार को जब सुरेश पत्नी को परीक्षा दिलाने बेटे के साथ कालेज पहुंचे तो पता चला कि परीक्षा रद हो गई। श्री महर ने बताया कि सरकारी लापरवाही की वजह से उनकी पांच दिन की छुट्टी तो गई ही, साथ ही करीब चार हजार रुपये आने-जाने में खर्च हो गए। इसके साथ 48 घंटे का सफर अलग से। 
इसी तरह मध्यप्रदेश सागर की महिला ने बताया कि वह दो दिन पहले आ गई थीं इसके बावजूद उन्हें परीक्षा स्थगित होने की जानकारी नहीं मिल पाई। महिला का हल्द्वानी में मायका है वह अपने बच्चों को छोड़कर परीक्षा देने आई हैं। मेरठ से आई अनीता अग्रवाल का कहना था कि विभाग को इसकी लिखित सूचना देनी चाहिए थी। लखनऊ में एक निजी कंपनी में काम करने वाले रोहित का कहना था कि विभागीय लापरवाही के कारण उनके कई जरूरी काम छूट गए हैं

News Sabhaar : amarujala.com 
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UTET : तदर्थ नियुक्ति में एक्ट एवं टीईटी का पेच


UTET : तदर्थ नियुक्ति में एक्ट एवं टीईटी का पेच


देहरादून, पीटीए शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति के लिए शिक्षा अधिनियम और टीईटी-दो की बाधा से पार पाना होगा। बाधा दूर करने को अधिनियम में संशोधन की दरकार होगी। फिलहाल सरकार ने इस दिशा में कसरत शुरू कर दी है।

सरकारी सहायताप्राप्त अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत पीटीए शिक्षक तदर्थ नियुक्ति के लिए जोर लगाए हुए हैं। प्रदेश में फिलहाल 590 पीटीए शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें से 388 शिक्षकों को सरकार से निर्धारित सात हजार रुपये मासिक मानदेय मिल रहा है। मानदेय से वंचित रहे 90 पीटीए शिक्षकों को भी यह लाभ देने पर पिछली कैबिनेट मुहर लगा चुकी है। इससे मानदेय प्राप्त करने वाले पीटीए शिक्षकों की संख्या बढ़कर 488 हो जाएगी। गौरतलब है कि शेष 102 शिक्षकों को निर्धारित शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं करने के कारण मानदेय के लिए अपात्र माना गया है। अब मानदेय प्राप्त कर रहे पीटीए शिक्षक तदर्थ नियुक्ति पाने को सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं।

सूत्रों के मुताबिक सरकार इन शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति देने के पक्ष में है। लिहाजा इस दिशा में कसरत शुरू हो चुकी है। लेकिन, इस मामले में शिक्षा अधिनियम-2006 और माध्यमिक शिक्षा के विनियम आड़े आ रहे हैं। अधिनियम में पीटीए शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति देने का प्रावधान नहीं है। यही नहीं, शिक्षा का अधिकार अधिनियम को प्रदेश सरकार लागू कर चुकी है। इसके मुताबिक अब छठवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। इसके लिए एलटी नियमावली में भी बाकायदा संशोधन किया जा चुका है। चूंकि, पीटीए शिक्षकों को अब तदर्थ नियुक्ति दी जानी है, लिहाजा उक्त दोनों नियमावली में संशोधन की दरकार होगी। शिक्षा अधिनियम में संशोधन के बाद ही पीटीए शिक्षकों की तदर्थ नियुक्ति की राह आसान हो सकेगी। इसके लिए परामर्शी विभागों से मशविरा किया जा रहा है। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक उक्त संबंध में फाइल आगे कार्मिक को भेजी गई है। तदर्थ नियुक्ति के लिए नई व्यवस्था की जरूरत पड़ सकती है

News Sabhaar : Jagran ( 10.9.13)