Sunday, July 27, 2014

CTET September 2014 Examination http://ctet.nic.in Apply Onlne

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CTET September 2014 Examination http://ctet.nic.in Apply Onlne


CTET 2014 : सीटीईटी का ऑनलाइन आवेदन शुरू

Central Teacher Eligibility Test Online Applicaton http://ctet.nic.in 

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CENTRAL BOARD OF SECONDARY EDUCATION, DELHI
CENTRAL TEACHER ELIGIBILITY TEST
Date for Submission of On-Line Application: 15.07.2014 to 04.08.2014
Last date for submission of On-line Application: 04.08.2014
Last date for submission /update of fees: 06.08.2014

Date of Examination: 21.09.2014 (Sunday)

महंगा हुआ सीटीईटी के लिए आवेदन करना
नई दिल्ली । सेंट्रल टीचर एलिजबिलिटी टेस्ट (सीटीईटी) के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई। इस बार सामान्य व ओबीसी के लिए 100 से 200 रुपये और एससी-एसटी व शारीरिक रूप से अशक्त वर्ग के लिए आवेदन करना 50 से 100 रुपये तक महंगा हो गया है। देश भर में सीटीईटी की परीक्षा 21 सितंबर को आयोजित होगी। । आवेदन प्रक्रिया 4 अगस्त तक चलेगी
How To Apply : -

Monday, July 21, 2014

TET mandatory for teachers’ posts: HC

TET mandatory for teachers’ posts: HC


UTET / Uttrakhand TET
DEHRADUN: The Uttarakhand high court has made it compulsory for temporary primary school teachers to clear the teachers eligibility test (TET) before they can get a permanent posting in government schools. As many as 3,700 'ShikshaMitras' — temporary primary school teachers — have suffered a setback after the high court's Tuesday order, which stated that without passing TET, they cannot be hired as assistant teachers in government schools. ShikshaMitra Imam Ahmad told TOI, "We are very disappointed with this order. I have undergone two years' training to be eligible for a permanent teacher's post and now I don't know what to do." The high court quashed a government order of March 4, 2014, which had given relaxation to 'ShikshaMitras' in the state having Basic Training Certificate (BTC). As per the government order, 'ShikshaMitras' with BTC were qualified to be hired as assistant teachers. The court has also ordered the state government to make provision for the TET to be held every three months. From August 2010, as per the National Council For Teacher Education guidelines, only those who have passed the TET will qualify for the post of assistant teachers. Uttarakhand was given the relaxation as there are many teachers who haven't cleared the exam. Khushi Sharma, another 'ShikshaMitra', said, "The high court's order has quashed our dreams to become permanent teachers. As temporary teachers, we just get an honorarium and there is no job guarantee. This was our last hope." TET will now be held in September. A senior official at the education directorate said, "We will go by the high court order and provisions to train the ShikshaMitras will be made regularly to make them eligible for being hired as assistant teachers."

News Sabhaar Source :  TNN | Jul 16, 2014, 08.53PM IST

सी टी ई टी / टी ई टी से छूट (CTET / TET Relaxation)

सी टी ई टी / टी ई टी से छूट (CTET / TET Relaxation)
CTET, TEACHER ELIGIBILITY TEST (TET), NCTE, RTE, UPTET, HTET, JTET, OTET, RTET,BETET , PSTET , WBTET

No relaxation from TET ( Teacher Eligblity Test) is Possible
सी टी ई टी / टी ई टी से छूट तो स्वयं कोर्ट भी नहीं दे सकती , क्यूंकि आर टी ई एक्ट संविधान का एक हिस्सा है ,
और केंद्र सरकार के गजट नोटिफिकेशन में प्रकाशित है ।
अब यह छूट संविधान में परिवर्तन के तहत ही मिल पाएगी
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मेरा कहना है की आर टी ई एक्ट के तहत शिक्षक बनने के लिए टी ई टी / सी टी ई टी से छूट किसी को नहीं अगर समुचित मात्रा में योग्य टी ई टी
पास शिक्षक उपलब्ध है तो ।

अभी हाल ही में नैनीताल हाई कोर्ट ने निर्णय दिया है की टी ई टी से छूट तो एन सी टी ई और उत्तरांचल राज्य सरकार भी नहीं दे सकती ,

उत्तर प्रदेश में भी दो बार ट्रिपल बेंच बैठ चुकी है जिसमें एक ट्रिपल बेंच ( तीन जजों की बेंच) खास तोर से टी ई टी में छूट देने के सन्दर्भ में बनाई गयी थी ।
जिसमें साफ़ किया गया की टी ई टी से छूट संभव नहीं
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यह न्यूज़ थोड़ा सा घुमा करके लिखी गयी है ,

सीटैट के बगैर भी बन सकेंगे शिक्षक 

केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटैट) पास किए बगैर भी आप शिक्षक बन सकते है। केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट (कैट) ने शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए केंद्र व दिल्ली सरकार से शिक्षक नियुक्ति में सीटैट की अनिवार्यता में छूट देने का निर्देश दिया है। पंचाट ने सरकार से सीटैट की जगह अनुभव को तरजीह देने का निर्देश दिया है।

पंचाट के न्यायिक सदस्य ए.के. भारद्वाज और बिरेंद्र कुमार की पीठ ने यह आदेश सीटैट की योग्यता नहीं होने की वजह से नौकरी से निकाले गए ठेका पर कार्यरत शिक्षकों की ओर से दाखिल याचिका का निपटारा करते हुए दिया है। पीठ ने अपने फैसले में शिक्षा के अधिकार अधिनियम की धारा-23 का हवाला देते हुए कहा है कि प्रशिक्षित शिक्षकों के अभाव में केंद्र सरकार अधिसूचना जारी कर शिक्षकों की नियुक्ति में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करने की अनिवार्यता में छूट दे सकती है

पीठ ने सरकार से सभी याचिकाकर्ताओं को दोबारा नौकरी देने पर विचार करने का निर्देश दिया है। गौरतलब है कि केंद्रीय प्रशासनिक पंचाट में केंद्र सरकार और केंद्र शासित प्रदेशों में नियुक्ति, प्रमोशन एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई से संबंधित विवादों का निपटारा किया जाता है

News Source / Sabhaar : 21.07.2014
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कॉन्ट्रैक्ट / ठेका कर्मियों को बगैर टेट हटाया जा रहा था और उसके बारे में केंद्र सरकार  की ट्रिब्यूनल कोर्ट ने निर्णय दिया है , अगर
प्रशिक्षित (टेट पास ) कर्मी नहीं मिलते है , तो अप्रशिक्षितों से काम चलाया जा सकता है ।
हिंदुस्तान  में बहुत सारे विभागों के अपनी कोर्ट स्वयं होती है , जिस से वह जल्द फैसले दे कर काम काज में आ रही बाधा को हटा सकें ,
ऐसे ही केंद्र सरकार ने केंद्रीय प्रसाशनिक प्राधिकरण  ( सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल ) बना रखी है ।

संविधान के तहत न्याय पाने के लिए उस से ऊपर हाई कोर्ट , फिर सुप्रीम कोर्ट है

अगर मेरी बात में कहीं गलती हो, तो कमेंट' के माद्यम से गलती बताएं  व उसको सुधारें

धन्यवाद

Tuesday, July 15, 2014

Shiksha Mitra : शिक्षा मित्रों को टीईटी में छूट देना असंवैधानिक ठहराया

Shiksha Mitra : शिक्षा मित्रों को टीईटी में छूट देना असंवैधानिक ठहराया


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 नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन अर्थात एनसीटीई की ओर से उन्हें टीईटी से छूट प्रदान करने संबंधी निर्देश सरकार को दिए गए थे। हाई कोर्ट ने शिक्षा मित्रों के तर्काे को नकारते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक शिक्षक को टीईटी पास करना जरुरी है, जिससे बच्चों को अच्छे शिक्षक मिल सकें। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि एनसीटीई व सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों को टीईटी से छूट प्रदान कर असंवैधानिक है, जिसके बाद एकल पीठ ने सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों को टीईटी से छूट देने संबंधी शासनादेश को निरस्त कर दिया
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नैनीताल : हाई कोर्ट ने शिक्षा मित्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा से छूट देने संबंधी शासनादेश को निरस्त करते हुए साफ कर दिया है कि अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के अंतर्गत शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य है। कोर्ट के ताजा फैसले से नियमित शिक्षक का ख्वाब देख रहे राज्य के करीब 1298 शिक्षकों की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। कोर्ट ने सरकार को प्रत्येक तीन माह में शिक्षक पात्रता परीक्षा कराने के आदेश पारित किए हैं।1नैनीताल निवासी गीता पांडे व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वह नियमित बीटीसी धारक हैं। उन्होंने प्रतियोगात्मक परीक्षा पास कर अध्यापन के लिए विशेष प्रशिक्षण हासिल किया है, जबकि शिक्षा मित्रों के लिए सरकार ने दरियादिली दिखाते हुए शासनादेश जारी कर टीईटी से छूट प्रदान कर दी। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकल पीठ में हुई। याचिका पर सुनवाई के दौरान शिक्षा मित्रों की ओर से कहा गया कि वह पिछले कई सालों से अध्यापन कार्य कर रहे हैं।
नेशनल काउंसिल आफ टीचर्स एजुकेशन अर्थात एनसीटीई की ओर से उन्हें टीईटी से छूट प्रदान करने संबंधी निर्देश सरकार को दिए गए थे। हाई कोर्ट ने शिक्षा मित्रों के तर्काे को नकारते हुए कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक शिक्षक को टीईटी पास करना जरुरी है, जिससे बच्चों को अच्छे शिक्षक मिल सकें। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि एनसीटीई व सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों को टीईटी से छूट प्रदान कर असंवैधानिक है, जिसके बाद एकल पीठ ने सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों को टीईटी से छूट देने संबंधी शासनादेश को निरस्त कर दिया

News Sabhaar : Denik Jagran News Paper (16.7.14)

Shiksha Mitra शिक्षा मित्र को टीईटी से छूट नहीं

Shiksha Mitra शिक्षा मित्र को टीईटी से छूट नहीं

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प्रदेश सरकार से कहा, हर तीन माह में टीईटी कराएं
हाईकोर्ट ने छूट देने संबंधी शासनादेश किया निरस्त


नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्र रहते हुए बीटीसी (बेसिक टीचिंग सर्टिफिकेट) करने वालों को टीईटी (टीचर्स एलिजिबलिटी टेस्ट) से छूट प्रदान करने संबंधी 4 मार्च 2014 के शासनादेश को निरस्त कर दिया है। अदालत ने कहा कि बच्चों के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत किसी भी अध्यापक के लिए टीईटी पास करना आवश्यक है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि टीईटी हर तीन माह में अनिवार्य रूप कराएं। अदालत के इस आदेश से 3700 शिक्षा मित्रों को झटका लगा है।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। बाजपुर (ऊधमसिंह नगर) निवासी प्रवीण कुमार और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शासन की ओर से जारी 4 मार्च 2014 के उस शासनादेश को चुनौती दी थी, जिसमेें शिक्षा मित्र रहते हुए बीटीसी कर चुके अभ्यर्थियों को शासन ने टीईटी से छूट दी थी। याचिका में कहा गया कि निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 एवं एनसीटीई के नियमों के तहत शिक्षा मित्रों को भी टीईटी पास करना जरूरी है, क्योंकि वे पूर्ण चयन प्रक्रिया के तहत बीटीसी में आए हैं। पक्षों को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 4 मार्च 2014 के शासनादेश को निरस्त करते हुए कहा कि किसी भी अध्यापक के लिए टीईटी पास करना जरूरी है। आदेश दिया कि टीईटी प्रत्येक तीन माह में कराएं। उल्लेखनीय है प्रदेश में लगभग 3700 शिक्षा मित्र हैं, जिन्हें टीईटी में सरकार की ओर से शासनादेश जारी कर छूट प्रदान की गई थी।


News Source Sabhaar : अमर उजाला(16.07.2014)