Tuesday, July 15, 2014

Shiksha Mitra शिक्षा मित्र को टीईटी से छूट नहीं

Shiksha Mitra शिक्षा मित्र को टीईटी से छूट नहीं

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प्रदेश सरकार से कहा, हर तीन माह में टीईटी कराएं
हाईकोर्ट ने छूट देने संबंधी शासनादेश किया निरस्त


नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शिक्षा मित्र रहते हुए बीटीसी (बेसिक टीचिंग सर्टिफिकेट) करने वालों को टीईटी (टीचर्स एलिजिबलिटी टेस्ट) से छूट प्रदान करने संबंधी 4 मार्च 2014 के शासनादेश को निरस्त कर दिया है। अदालत ने कहा कि बच्चों के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत किसी भी अध्यापक के लिए टीईटी पास करना आवश्यक है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि टीईटी हर तीन माह में अनिवार्य रूप कराएं। अदालत के इस आदेश से 3700 शिक्षा मित्रों को झटका लगा है।
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। बाजपुर (ऊधमसिंह नगर) निवासी प्रवीण कुमार और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शासन की ओर से जारी 4 मार्च 2014 के उस शासनादेश को चुनौती दी थी, जिसमेें शिक्षा मित्र रहते हुए बीटीसी कर चुके अभ्यर्थियों को शासन ने टीईटी से छूट दी थी। याचिका में कहा गया कि निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 एवं एनसीटीई के नियमों के तहत शिक्षा मित्रों को भी टीईटी पास करना जरूरी है, क्योंकि वे पूर्ण चयन प्रक्रिया के तहत बीटीसी में आए हैं। पक्षों को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 4 मार्च 2014 के शासनादेश को निरस्त करते हुए कहा कि किसी भी अध्यापक के लिए टीईटी पास करना जरूरी है। आदेश दिया कि टीईटी प्रत्येक तीन माह में कराएं। उल्लेखनीय है प्रदेश में लगभग 3700 शिक्षा मित्र हैं, जिन्हें टीईटी में सरकार की ओर से शासनादेश जारी कर छूट प्रदान की गई थी।


News Source Sabhaar : अमर उजाला(16.07.2014)

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