Tuesday, April 28, 2015

ब्लॉग की अपील : पाठकों नेपाल की सहायता के लिए आगे आएं

ब्लॉग  की अपील :  पाठकों नेपाल की सहायता के लिए आगे आएं

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नेपाल राहत: मुलायम की अपील पर सभी सांसद एक महीने का वेतन देंगे -
दोपहर 12 बजे संसद में भूकंप को लेकर चर्चा शुरू हुई। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों द्वारा भूकंप के बाद जल्द से जल्द राहत और बचाव का काम शुरू करने के लिए सराहना करते हुए उनकी प्रशंसा की। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नेपाल का दर्द हमारा दर्द है। हम नेपाल की हर संभव मदद करेंगे।

इस दौरान नेपाल को मदद को लेकर पूरी संसद एक नजर आई। सांसद मुलायम सिंह यादव ने चर्चा के दौरान अपनी एक माह की तनख्वाह नेपाल राहत कार्य में देने की घोषणा की। इसके साथ ही अपील की कि सभी सांसद अपने एक दिन की तनख्वाह इस मद में दें। इस पर सभी सांसद मदद के लिए तैयार हो गए। सभी सांसद अपने एक महीने का वेतन नेपाल में भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए देंगे।

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हुत सारे शिक्षक गण भी फेस बुक पर चर्चा कर रहे हैं की सभी शिक्षकों' को अपनी  सेलरी नेपाल में भूकम्प राहत में देनी चाहिए 

नेपाल की मुश्किलों में हम लोगो को सहयोग करना चाहिए

पाठकों नेपाल की सहायता मतलब हमारे देश की सहायता है , नेपाल एक बफर स्टेट है जो चीन और भारत के बीच की सीमा पर है , मजबूत नेपाल मतलब भारत की सीमाओं की मजबूती है


नेपाल के भारत के साथ सदियों पुराने सम्बन्ध हैं दोनों की सांस्कृतिक भूमि एक ही है। यह सम्बन्ध उसी प्रकार के हैं जिस प्रकार के सम्बन्ध भारत के तिब्बत के साथ रहे हैं। तिब्बत और नेपाल ऐसे दो पड़ोसी देश हैं जो भारत को आत्मीय ही नहीं बल्कि सहोदर मानते हैं। एक जैसी सांस्कृतिक धारा और मूल्यों का प्रसार इस सम्पूर्ण क्षेत्र में है। इसका उदगम स्थान हिमालय को ही मानना चाहिए |


 माओवादी नेपाल में जातिय घृणा और क्षेत्रिय अलगाव को हवा दे रहे हैं। नेपाल में सरकार चाहे कोई भी हो चाहे वैचारिक आधार पर वह चीन के समर्थन में हो या उसके विरोध में, वह चीन को नाराज करने की स्थिति में नहीं हैं। नेपाल जानता है कि चीन नेपाल को अपना उपनिवेश बनाना चाहता है, लेकिन आखिर नेपाल चीन को आंखें किस के बलबूते पर दिखाए?


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